कौन थे रतन टाटा 01 ? : साधारण व्यक्तित्व से महान उद्योगपति तक का सफर

By Nisha Jangir

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रतन टाटा

रतन टाटा दुनिया भर के जाने-माने हस्तियों और महान उद्योगपतियों में से एक है | वे भारत की आन बान शान  थे वह गरीबों के मसीहा भी कहे जाते थे | लेकिन 9 अक्टूबर की रात को उनका 86 की उम्र में निधन हो चुका है | यह भारत के लिए एक बहुत ही दुखद समाचार है |रतन टाटा के निधन की खबर सुनकर भारत के प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं ने भी श्रद्धांजलि दी है |

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को नवल और सोनू टाटा के घर सूरत गुजरात में हुआ था | रतन टाटा 10 साल के थे जब उन्होंने अपनी पेरेंट्स का separation देखा | फिर रतन टाटा का लालन पालन उनके दादाजी ने किया |

रतन टाटा की पढ़ाई

भारत की दिग्गज उद्योगपति कहे जाने वाले रतन टाटा जी ने चैंपियन स्कूल मुंबई , कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल मुंबई, बिशप कॉटन स्कूल शिमला और रायवर्डले कंट्री स्कूल न्यूयॉर्क शहर से शिक्षा प्राप्त की है वह करनाल यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र भी हैं | 

रतन टाटा

रतन टाटा कैसे इस मुकाम पर पहुंचे

रतन टाटा 1981 में कुछ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बनाए गए | जहां उनके क्रांतिकारी विचारों और उच्च स्तरीय टेक्नोलॉजी को use करने के कारण वह नए उद्योगों के प्रवर्तक बने|

फिर 1991 में उन्होंने मुख्य कार्यभार संभाला और 1991-2012 and 2016-2017 tata group के chairman  बने | यहां पर टाटा ने पुराने system पर चल रही कंपनी को पूर्णत: बदलकर युवा प्रबंधको को जिम्मेदारी दी  |और टाटा ग्रुप के आकार को ही परिवर्तित कर दिया | जिसके कारण आज की टाटा कंपनी की नींव रखी गई | उसके बाद टाटा मोटर्स, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हुई|

अब यह सितारा जगमगाने लगा व 1998 में टाटा मोटर्स ने टाटा इंडिका को लांच किया 

रतन टाटा का नैनो बनाने का सपना

जब रतन टाटा की सारे प्रयोग सफल हो रहे थे तब उन्होंने मध्यम वर्गीय लोगों के बारे में भी सोच और उन्होंने सपना देखा कि कम से कम लागत कि car बनाई जाए ताकि हर कोई उसको अफोर्ड कर सके | उनका यह सपना 10 जनवरी 2008 को पूरा भी हुआ जब दिल्ली में टाटा नैनो को लांच किया गया व उसकी कीमत ₹100000 रखी गई | रतन टाटा ने अपने एक वादे को वादा समझ कर वादा पूरा किया |



रतन टाटा के पुरस्कार

रतन टाटा को वैसे तो अब तक कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है लेकिन उनको भारत के दो प्रसिद्ध पुरस्कारों जो की भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्रथम भूषण है 2000 में प्राप्त हुआ था व भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार जो कि पद्म विभूषण है 2008 में प्राप्त हुआ था |

 

रतन टाटा का वैवाहिक जीवन

रतन टाटा ने जिंदगी भर शादी नहीं की और अपनी सारी उम्र लोगों की सेवा में ही लगा दी | 

रतन टाटा के अनुसार उन्होंने चार बार शादी का सोचा लेकिन हर बार किसी ने किसी वजह से वह पीछे हट गए | उसके बाद रतन टाटा ने कभी शादी के बारे में नहीं सोचा|  

उन्होंने एक बार इस बात का जिक्र किया था कि अमेरिका में उन्हें किसी से प्यार हो गया था लेकिन वे बाद में भारत आ गए  व उनकी प्रेमिका भारत नहीं आना चाहती थी और उस समय भारत और चीन का युद्ध भी चल रहा था उसके बाद उनकी प्रेमिका ने अमेरिका में ही किसी और से शादी कर ली थी|

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